अंदरूनी बुखार क्यों होता है

अंदरूनी बुखार क्यों होता है और इसके उपचार और बचाव क्या हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शारीरिक तापमान में वृद्धि होती है, लेकिन इसका कारण अंदरूनी होता है। यह एक सामान्य समस्या है, लेकिन कई बार यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।

अंदरूनी बुखार का मतलब

जब हम बुखार की बात करते हैं, तो हमें आमतौर पर शारीरिक तापमान में वृद्धि की ओर इशारा होता है। लेकिन कई बार तापमान बढ़ने के बावजूद शारीर के अंदर होने वाली बीमारियों या अन्य कारणों से बुखार होता है, जिसे अंदरूनी बुखार कहा जाता है।

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अंदरूनी बुखार क्यों होता है-कारण

अंदरूनी बुखार के कई कारण हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. संक्रमण: सबसे सामान्य कारण संक्रमण होता है, जैसे कि वायरस, बैक्टीरिया, या फंगस के कारण। इन संक्रमणों से शरीर की रक्त संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे तापमान बढ़ सकता है।
  2. इन्फेक्शन: किसी अन्य इन्फेक्शन के अनुपस्थिति में शरीर बुखार को संज्ञान करता है और संक्रमण से लड़ने की कोशिश करता है।
  3. दवाओं का प्रभाव: कई दवाओं का उपयोग भी बुखार के उत्पादन को प्रेरित कर सकता है, जैसे कि एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल दवाएँ, या अन्य औषधि।
  4. गलत खान-पान: अधिक या कम पानी पीना, प्रोटीन या विटामिनों की कमी, या अन्य आहार संबंधित कारण भी बुखार का कारण बन सकते हैं।
  5. स्ट्रेस या थकान: अधिक तनाव, थकान, या शारीरिक क्षमता की कमी भी बुखार को प्रेरित कर सकती है।
  6. गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं में अंदरूनी बुखार हो सकता है, जो किसी संक्रमण के कारण हो सकता है या गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों की वजह से हो सकता है।
  7. निर्दिष्ट बीमारियाँ: कुछ बीमारियाँ जैसे कि टायफाइड, मलेरिया, डेंगू आदि अंदरूनी बुखार के कारण हो सकती हैं।
  8. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: थायराइड, कैंसर, अलर्जी या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी अंदरूनी बुखार के कारण बन सकती हैं।
  9. अन्य कारण: शरीर की आंतरिक कोशिकाओं के उत्पादन में त्रुटि, असामान्य रक्त प्रवाह, या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ भी अंदरूनी बुखार के कारण हो सकती हैं।
  10. उच्च तापमान: अधिक तापमान वाली जगहों में रहना या लंबे समय तक सूर्य के धूप में रहना भी अंदरूनी बुखार का कारण बन सकता है।
  11. अल्कोहल और नशीली सामग्रीयों का सेवन: अधिक मात्रा में अल्कोहल या नशीली सामग्रियों का सेवन भी शरीर का तापमान बढ़ा सकता है और बुखार का कारण बन सकता है।
  12. उच्च रक्तचाप: अनियमित रक्तचाप या उच्च रक्तचाप भी अंदरूनी बुखार का कारण बन सकता है, विशेष रूप से उम्रदराज व्यक्तियों में।
  13. हार्मोनल परिवर्तन: विभिन्न कारणों से होने वाले हार्मोनल परिवर्तन भी बुखार का कारण बन सकते हैं, जैसे कि प्रेगनेंसी, थायराइड रोग, या अन्य अस्तित्व की स्थिति।
  14. आहार और पोषण की कमी: अधिकतर आहार और पोषण संबंधित समस्याएं भी बुखार का कारण बन सकती हैं, जैसे कि कमजोरी, कमजोरी, या अन्य पोषण संबंधित बीमारियाँ।
  15. आवास या जलवायु: विभिन्न आवास की जगहों में रहना और अलग-अलग जलवायु में रहना भी बुखार के कारण बन सकता है।

इन कारणों के अलावा भी कई अन्य फैक्टर्स हो सकते हैं जो अंदरूनी बुखार का कारण बन सकते हैं। यदि आपको बुखार है और यह लंबे समय तक बना रहता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।

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अंदरूनी बुखार के लक्षण

अंदरूनी बुखार के कई लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं:

  1. शारीरिक लक्षण:
    • तापमान में वृद्धि
    • ठंड और शीतलता
    • थकान
  2. श्वास-प्रश्वास के संबंधित लक्षण:
    • सांस लेने में कठिनाई
    • सांस की गहराई में कमी
    • फिजिओलॉजिकल असमानता
  3. अन्य लक्षण:
    • सिरदर्द या दर्द
    • मुँह सूखना या बुखारियाँ
    • गैस या पेट दर्द

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अंदरूनी बुखार के उपचार

अंदरूनी बुखार के उपचार में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  1. डॉक्टर की सलाह: अगर बुखार लंबे समय तक बना रहता है या अत्यधिक होता है, तो डॉक्टर की सलाह लेना सर्वोत्तम होता है।
  2. दवाओं का उपयोग: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का सही तरीके से उपयोग करना बुखार को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  3. आहार और परहेज: अच्छा आहार खाना और परहेज करना भी बुखार के उपचार में मदद कर सकता है।
  4. ठंडा स्नान: अंदरूनी बुखार के समय में ठंडा स्नान करना शारीरिक तापमान को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  5. विश्राम और नींद: पर्याप्त आराम और नींद लेना बुखार के शांतिपूर्ण होने में मदद कर सकता है और शरीर को लड़ने की शक्ति देता है।
  6. हर्बल और घरेलू उपचार: अदरक, तुलसी, शहद, और गर्म पानी का सेवन करना बुखार को कम करने में मदद कर सकता है।
  7. संतुलित आहार: पोषणशील आहार लेना बुखार के उपचार में महत्वपूर्ण है। फल, सब्जियाँ, अनाज, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ लेना चाहिए।
  8. नियमित पानी पीना: पर्याप्त पानी पीना शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है और इन्फेक्शन को दूर करता है।

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अंदरूनी बुखार से बचाव

अंदरूनी बुखार से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:

  1. स्वच्छता का ध्यान रखें: हाथों को नियमित धोकर स्वच्छ रखें और अन्य व्यक्तियों से संपर्क में रहें जो स्वस्थ नहीं हैं।
  2. मास्क पहनें: संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में रहते समय मास्क पहनें।
  3. हाथ धोएं: संक्रमित सामग्री से संपर्क के बाद हाथ धोना बुखार और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव में मददगार होता है।
  4. सोशल डिस्टन्सिंग: लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें और भीड़भाड़ से बचें।
  5. वैक्सीनेशन: बुखार से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का सही तरीके से पालन करें। यह संक्रमण के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण उपायों में से एक है।

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अंदरूनी बुखार का उपचार और बचाव में आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग

अंदरूनी बुखार का उपचार और बचाव में आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग एक प्रमुख विकल्प हो सकता है। निम्नलिखित कुछ आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग हो सकता है:

  1. तुलसी (ओसिमम सैन्क्टम): तुलसी के पत्तों का सेवन करने से बुखार कम हो सकता है। यह एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है।
  2. अदरक (जिंजर): अदरक का रस पीना और गरम पानी में अदरक का काढ़ा पीना अंदरूनी बुखार को कम करने में मदद कर सकता है।
  3. हल्दी (तुरमेरिक): हल्दी में मौजूद कुरकुमिन के गुण बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं। हल्दी का दूध और पानी में सेवन किया जा सकता है।
  4. नीम (नीम्बु): नीम की पत्तियों का रस बुखार को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और संक्रमण को रोकने में सहायक हो सकता है।

यदि आपको अंदरूनी बुखार है, तो आपको पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और उनकी सलाह का पालन करना चाहिए।

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अंदरूनी बुखार के लिए घरेलू उपचार

अंदरूनी बुखार को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपचार हैं:

  1. गुनगुना पानी पीना: गुनगुना पानी पीना बुखार को कम करने में मदद कर सकता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकता है।
  2. अदरक और शहद का सेवन: अदरक और शहद का मिश्रण बनाकर सेवन करना भी बुखार को कम करने में मदद कर सकता है।
  3. ताज़ा नारंगी का रस: ताज़ा नारंगी का रस पीना बुखार को कम करने में मदद कर सकता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है।
  4. विश्राम और नींद: बुखार में पर्याप्त आराम लेना और अधिक से अधिक नींद लेना भी शीघ्र ठीक होने में मदद कर सकता है।
  5. हर्बल काढ़े: अदरक, तुलसी, मुलेठी, और सौंफ के साथ बनाए गए हर्बल काढ़े का सेवन करना बुखार को कम करने और शरीर को ताजगी देने में मदद कर सकता है।
  6. सूखे फल और दालें: सेब, केला, अनार, मूंगफली, और दालें जैसे सूखे फलों और दालों का सेवन करना भी बुखार को कम करने में सहायक हो सकता है।
  7. गर्मियों के तेल मालिश: गर्मियों के तेलों जैसे कि जैतून का तेल या नारियल का तेल से सर्दी और बुखार में राहत मिल सकती है।
  8. सूखी खांसी की गोलियाँ: हल्दी, अदरक, और शहद की गोलियाँ बनाकर खाने से सूखी खांसी में लाभ मिल सकता है और बुखार को कम कर सकता है।
  9. योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है और बुखार को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है।

ये घरेलू उपचार बुखार को कम करने और सामान्य स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। लेकिन यदि बुखार लंबे समय तक बना रहता है या अत्यधिक होता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना अनिवार्य है।

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अंदरूनी बुखार के खतरे

अंदरूनी बुखार कई संक्रामक बीमारियों का लक्षण हो सकता है और इसके कुछ खतरे निम्नलिखित हैं:

  1. अनियमित तापमान: अंदरूनी बुखार के कारण शरीर का तापमान अनियमित होता है, जिससे शारीरिक कमजोरी महसूस हो सकती है।
  2. सांस लेने में कठिनाई: बुखार के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, जिससे व्यक्ति थकान महसूस कर सकता है।
  3. शारीरिक और मानसिक थकावट: लंबे समय तक बुखार का सामना करने से शारीरिक और मानसिक थकावट महसूस हो सकती है।
  4. संक्रामण का विस्तार: अंदरूनी बुखार के इलाज में लापरवाही करने से संक्रामण का विस्तार हो सकता है और अन्य गंभीर संक्रामक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
  5. संक्रमण के अन्य लक्षण: अंदरूनी बुखार के अन्य लक्षण में गंभीरता हो सकती है, जैसे कि उल्टी, दस्त, या आंत्रिक ब्लीडिंग।

इन सभी खतरों को समझकर बुखार के इलाज में देरी न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करें।

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अंदरूनी बुखार के साथ डायबिटीज और हार्ट समस्याएँ

अंदरूनी बुखार के साथ डायबिटीज और हार्ट समस्याएँ का सामना करना खतरनाक हो सकता है। इससे रक्त शर्करा स्तर और दिल की समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

  1. डायबिटीज: अंदरूनी बुखार के समय में डायबिटीज का प्रबलित होना संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है। यह रक्त शर्करा स्तर को अनियमित कर सकता है और संक्रमण को नियंत्रित करने की क्षमता को कम कर सकता है।
  2. हार्ट समस्याएँ: अंदरूनी बुखार के समय में हार्ट समस्याएँ भी बढ़ सकती हैं, जैसे कि हृदय रोग या हृदय संबंधी संक्रमण। यह ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है और हार्ट को अत्यधिक दबाव के खतरे को बढ़ा सकता है।

इन समस्याओं का सामना करने वाले व्यक्तियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है और अंदरूनी बुखार के संक्रमण के उपचार के दौरान विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए। उन्हें अपने डॉक्टर से सम्पर्क करके इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए और अपने स्वास्थ्य की निगरानी रखनी चाहिए।

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अंदरूनी बुखार और मानसिक स्वास्थ्य

अंदरूनी बुखार के समय में मानसिक स्वास्थ्य पर असर हो सकता है। यह संक्रमण और उससे जुड़ी चिंताओं के कारण मानसिक दबाव और अस्तित्व की चिंता को बढ़ा सकता है।

  1. चिंता और उत्सुकता: अंदरूनी बुखार के कारण चिंता और उत्सुकता की स्थिति बढ़ सकती है, जो मानसिक तनाव का कारण बन सकती है।
  2. नींद की कमी: बुखार के समय में अधिकतर व्यक्तियों की नींद की कमी होती है, जो मानसिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है।
  3. चिंता और डिप्रेशन: अंदरूनी बुखार के साथ चिंता और डिप्रेशन के लक्षण भी बढ़ सकते हैं, जो व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
  4. स्थितिगत चिंता: अंदरूनी बुखार के समय में व्यक्ति की स्थितिगत चिंता बढ़ सकती है, जो मानसिक दबाव को बढ़ा सकती है।

अंदरूनी बुखार के समय में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। ध्यान और सामान्य स्वास्थ्य की देखभाल करने में मदद करने के लिए पर्याप्त आराम और स्वस्थ आहार का सेवन करें। यदि चिंता या डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह लें।

निष्कर्ष:

अंदरूनी बुखार एक सामान्य समस्या है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इसका प्राथमिक उपचार और बचाव करने से इसे संभावित समस्याओं से बचाया जा सकता है। अगर बुखार लंबे समय तक बना रहता है या अत्यधिक होता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

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FAQ:

  1. क्या अंदरूनी बुखार गंभीर हो सकता है?
    • हां, कई बार अंदरूनी बुखार किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।
  2. बुखार आने पर क्या खाना चाहिए?
    • बुखार आने पर परहेज के साथ पोषणशील आहार खाना चाहिए, जैसे कि खीरा, लौकी, और सूप।
  3. बुखार से बचाव के लिए क्या करें?
    • बुखार से बचाव के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें, परहेज करें, और नियमित व्यायाम करें।
  4. क्या अंदरूनी बुखार के लिए आयुर्वेदिक उपचार हैं?
    • हां, कई आयुर्वेदिक उपचार अंदरूनी बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  5. क्या बुखार के लिए केवल अंग्रेजी दवाएं ही हैं?
    • नहीं, कई घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार भी बुखार को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

 

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