बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय

हमारे स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है हमारी पाचन प्रक्रिया। बवासीर, जिसे अंग्रेजी में hemorrhoids कहा जाता है, एक ऐसी समस्या है जो अक्सर लोगों को हो जाती है। यहां हम बात करेंगे कि “बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय”।

4 दिन से लैट्रिन नहीं हो रहा है

बवासीर के कारण

बवासीर का मुख्य कारण गैस्ट्रॉइंटेस्टाइनल समस्याएं और कब्ज होती हैं। यह बवासीर के मस्सों को बढ़ा सकता है और तंतु में दर्द और सूजन का कारण बनता है।

बवासीर के कई कारण हो सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कारण दिए जा रहे हैं:

  1. कब्ज: यह एक सामान्य कारण है जो बवासीर की समस्या को बढ़ा सकता है। कब्ज के कारण रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे वेन्स में दबाव बढ़ता है और मस्सों का उत्पन्न होने की संभावना बढ़ती है।
  2. प्रेग्नेंसी और डिलीवरी: गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद, वेन्स में दबाव बढ़ सकता है, जिससे बवासीर हो सकता है।
  3. बैठने की लंबी अवधि: लंबी अवधि तक एक स्थिति में बैठना, विशेषकर एक स्थिति में टोयलेट का उपयोग करना, बवासीर की समस्या को बढ़ाता है।
  4. भारी वस्त्र पहनना: लंबे समय तक टाइट और भारी वस्त्र पहनना रक्तचाप में वृद्धि कर सकता है और बवासीर को बढ़ाता है।
  5. गंदा भोजन और कम पानी पीना: अपशिष्ट आहार, तला हुआ और मिर्च-मसालों से भरपूर खाद्य और कम पानी पीना बवासीर को बढ़ाता है।
  6. जीवनशैली बदलाव: बैठकर काम करना, लाइफस्टाइल में बदलाव, तेज गति की जीवनशैली, और अल्कोहल और तंबाकू का सेवन बवासीर के लिए जोखिम बढ़ाता है।

इन कारणों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और प्राकृतिक उपचारों का अनुसरण करना महत्वपूर्ण है। यदि बवासीर के लक्षण हैं, तो चिकित्सक से सलाह लेना भी आवश्यक है।

चेहरे और जबड़े और कान के बाईं ओर में दर्द

बवासीर के लक्षण और पहचान

बवासीर के लक्षण और पहचान के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है:

  1. गुदा में दर्द और खुजली: बवासीर के एक सामान्य लक्षण में गुदा क्षेत्र में दर्द और खुजली हो सकती है।
  2. रक्तस्राव: बवासीर के मस्से फूट जाने पर रक्तस्राव हो सकता है, जिससे लाल रक्त टप्पे के रूप में या टॉयलेट पेपर पर दिखाई दे सकते हैं।
  3. मस्सों का बढ़ना: गुदा क्षेत्र में मस्से महसूस हो सकते हैं, जिन्हें छूने पर दर्द हो सकता है।
  4. बाहरी गुदा में गांठ: कभी-कभी बाहरी गुदा में एक छोटी गांठ बन सकती है, जिससे दर्द हो सकता है।
  5. खून के साथ पोटी करना: बवासीर के मस्सों का फूटने पर पोटी करते समय खून आ सकता है।
  6. पेट में बढ़ा हुआ दबाव: कई बार बवासीर के कारण पेट में बढ़ा हुआ दबाव महसूस हो सकता है।
  7. कब्ज और पेट की समस्याएं: बवासीर का मुख्य कारण कब्ज हो सकता है, और इसके साथ ही पेट की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

1 महीने में 20 किलो वजन कैसे कम करें

Gora Hone Ka Tarika

बवासीर से बचाव

बवासीर से बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाना फायदेमंद हो सकता है:

  1. फाइबर युक्त आहार: फाइबर से भरपूर आहार खाना बवासीर से बचाव में मदद कर सकता है। अनाज, फल, सब्जियां, और दालें शामिल करें।
  2. पानी की पर्याप्त मात्रा में पीना: रोजाना पानी पीना पेट को साफ रखने में मदद करता है और बवासीर से बचने में सहायक होता है।
  3. नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना पेट की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और कब्ज से बचाव करने में मदद करता है।
  4. स्वस्थ जीवनशैली: अधिक समय तक बैठने से बचें, नियमित रूप से व्यायाम करें, और स्वस्थ आहार का सेवन करें।
  5. प्राकृतिक उपाय: ताजगी से भरा रहना, आलसी रहने से बचना, और स्थिर निद्रा प्राप्त करना बवासीर से बचाव में मदद करता है।
  6. आदतें बदलें: तम्बाकू और अधिक शराब का सेवन कम करें, क्योंकि इससे बवासीर की संभावना बढ़ सकती है।

गले में कुछ अटका सा लगना बार-बार डकार आना

सिर के पीछे दर्द के कारण और निवारण

आहार में परिवर्तन

बवासीर से बचाव के लिए आहार में परिवर्तन करना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जो आपको इस समस्या से बचाव में मदद कर सकते हैं:

  1. फाइबर युक्त आहार: फाइबर से भरपूर आहार खाएं, जैसे कि अनाज, सब्जियां, फल, और दालें। फाइबर कब्ज को दूर करने में मदद करता है और पाचन को सुधारता है।
  2. पानी पीना: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है। यह कब्ज से बचाव करने में मदद कर सकता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
  3.  सब्जियां और फल: ताज़े फल और सब्जियां खाएं, क्योंकि इनमें विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
  4. दूध और दूध उत्पाद: कच्चे दूध और दूध से बने उत्पादों का सेवन करें, क्योंकि इसमें कैल्शियम और विटामिन डी होते हैं जो आंतों को मजबूती प्रदान करते हैं।
  5. फ्रेश जूस: ताज़े फलों के जूस का सेवन करें, जैसे कि आम, नारंगी, और आपके पसंदीदा फलों का जूस।
  6. अलसी: अलसी में विटामिन ई, बी-कॉम्प्लेक्स, और फाइबर होता है, जो पाचन को सुधारने में मदद करता है।
  7. ताजगी से भरी हुई खाद्य पदार्थ: ताज़े खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि दाल, खाद्य तेल, और दालचीनी।

लैट्रिन में खून आना कैसे बंद करे

योग और व्यायाम

योग और व्यायाम बवासीर से बचाव और उपचार में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ योग आसन और व्यायामिक तकनीकों की सुझाव दी जा रही हैं:

योग आसन:

  1. वज्रासन (Vajrasana): इस आसन को बैठकर किया जाता है और इससे पेट की चर्बी कम होती है, पाचन सुधारता है, और बवासीर से राहत मिलती है।
  2. पादहस्तासन (Padahastasana): इस आसन से पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और कब्ज को दूर करता है, जिससे बवासीर की समस्या में सुधार होता है।
  3. शिशु आसन (Shishuasana): इस आसन से कमर में दर्द को कम किया जा सकता है और पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
  4. भद्रासन (Bhadrasana): यह आसन पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और पेट को मजबूत बनाए रखता है।
  5. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana): इस आसन से कमर को मजबूती मिलती है और पेट की सूजन को कम करता है।

व्यायाम:

  1. वॉकिंग: रोजाना वॉकिंग करना शरीर को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है और पाचन को सुधारता है।
  2. स्विमिंग: स्विमिंग बॉडी को स्ट्रेच करती है और सर्कुलेसन को बढ़हाता है, जिससे बवासीर की समस्या में सुधार होता है।
  3. जिमनास्टिक्स: लाइट जिमनास्टिक्स और स्ट्रेचिंग व्यायाम बवासीर से राहत मिलने में मदद करते हैं।
  4. योगिक प्रदर्शन (Pilates): यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है और कब्ज को कम करने में सहायक होता है।

योग और व्यायाम को नियमित रूप से करने से सामान्य स्वास्थ्य में सुधार होता है और बवासीर से बचने में मदद कर सकता है। हालांकि, इन्हें शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना सुरक्षित होता है, विशेषकर यदि आपमें किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है।

20 साल पुराने सफेद दाग 3 दिनों में ठीक हो गई

बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय

बवासीर के लिए कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:

1.आलू का रस:

  • एक छोटे से आलू को धोकर छील लें और उसे कद्दुकस करके रस निकालें।
  • इस रस को बवासीर के प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
  • इसे दिन में कई बार करें।

2.टमाटर का पेस्ट:

  • टमाटर को कद्दूकस करके पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को बवासीर के प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और थोड़ी देर तक रखें।
  • इसको दिन में कई बार कर सकते हैं।

3.घी का इस्तेमाल:

  • एक चमच घी को गरम करें और उसमें थोड़ी सी काली मिर्च मिलाएं।
  • इस मिश्रण को बवासीर के प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
  • यह उपाय बवासीर के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

4.त्रिफला चूर्ण:

  • त्रिफला चूर्ण, जिसमें हरड़, बहेड़ा, और आमला होते हैं, को रात्रि में गरम पानी के साथ लेना बवासीर के लिए लाभकारी होता है।

5.बाबूल की फांकें:

  • बाबूल की फांकों को पीसकर पानी में घोलकर इसे बवासीर के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

6.नारियल का तेल:

  • नारियल का तेल बवासीर के इलाज में मदद कर सकता है। इसे पेट के बाहरी हिस्से पर मलिश करना फायदेमंद होता है।

7.फाइबर युक्त आहार:

  • फाइबर से भरपूर आहार खाना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे कब्ज कम होती है और बवासीर में राहत मिलती है।

8.गरम पानी में नमक:

  • गरम पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर इसे पीना बवासीर के दर्द को कम करता है।

9.पुदीना पत्तियां:

  • पुदीना के पत्तों को पीसकर इसे बवासीर के प्रभावित क्षेत्र पर लगाना राहत मिलती है।

10.ट्राइकोणासन (Trikonasana):

  • योगासनों में ट्राइकोणासन भी बवासीर की समस्या में मदद कर सकता है।

11.घी और धनिया:

  • घी में पीसे हुए धनिया को मिलाकर इसे रोजाना खाने से बवासीर में आराम मिलता है।

महिला नसबंदी के बाद मोटी क्यों हो जाती है

आयुर्वेदिक इलाज

बवासीर के आयुर्वेदिक इलाज के लिए कुछ प्रमुख सुझाव निम्नलिखित हैं:

  1. त्रिफला चूर्ण:
    • त्रिफला चूर्ण बवासीर के इलाज के लिए प्रसिद्ध है।
    • रोजाना रात्रि में गरम पानी के साथ त्रिफला चूर्ण लें।
  2. आर्शकुंडी रस:
    • आर्शकुंडी रस बवासीर के लिए फायदेमंद होता है।
    • इसे बवासीर के प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से लाभ होता है।
  3. हरिताकी (हरड़) छूर्ण:
    • हरिताकी बवासीर के इलाज में उपयोगी हो सकता है।
    • रात्रि में गरम पानी के साथ हरिताकी छूर्ण लें।
  4. बिल्व फल:
    • बिल्व फल का सेवन करना बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
  5. क्षार सूत्र चिकित्सा:
    • आयुर्वेदिक चिकित्सा में क्षार सूत्र चिकित्सा को बवासीर के इलाज में उपयोगी माना जाता है।
    • यह विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा की जाने वाली विशेष प्रक्रिया है।
  6. योग आसन:
    • कुछ योग आसन बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि पादहस्तासन और वज्रासन।
  7. घृतकुमारी (एलोवेरा):
    • घृतकुमारी का रस पेट साफ करने और बवासीर में आराम प्रदान करने में सहायक होता है।

दवाएँ और क्रीमें

बवासीर के इलाज में कुछ दवाएं और क्रीमें उपलब्ध हैं जो डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए। यहां कुछ सामान्य दवाएं और क्रीमें हैं:

  1. आयुर्वेदिक दवाएं:
    • पाइलेक्स कैप्सूल और सिरप: यह आयुर्वेदिक दवा बवासीर के इलाज में मदद कर सकती है।
    • अर्शकल्प वटी: इसे बवासीर के लक्षणों को कम करने में उपयोग किया जा सकता है।
  2. एलोपैथिक दवाएं:
    • शेरोक्यूर टैबलेट्स: इसमें शेरोक्यूरिक एसिड होता है, जो बवासीर के लक्षणों को शांत करने में मदद कर सकता है।
    • प्रॉक्टोसेडिल क्रीम और ऑइंटमेंट: इसे बवासीर के लक्षणों पर लगाने से दर्द में राहत मिल सकती है।
  3. होम्योपैथिक दवाएं:
    • हेमेमल कैप्सूल्स और क्रीम: यह होम्योपैथिक दवा बवासीर के इलाज में सहायक हो सकती है।
  4. यूनानी दवाएं:
    • आरुक्षोर जोशीशा: यह यूनानी दवा बवासीर के इलाज में उपयोग की जा सकती है।

इन दवाओं का सही खुराक, समय, और उपयोग की शर्तों के लिए डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए, क्योंकि बवासीर की स्थिति व्यक्ति के स्वास्थ्य स्तर पर निर्भर कर सकती है।

सर्जरी का विचार

बवासीर के उपचार के लिए अगर आपकी स्थिति गंभीर है और अन्य उपायों या दवाओं से राहत नहीं मिल रही है, तो चिकित्सक सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। बवासीर की सर्जरी कई विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके की जा सकती है।

  1. स्क्लेरोथेरेपी (Sclerotherapy): इस तकनीक में, बवासीर के आसपास एक तेज द्रव्य को इंजेक्ट करके उसे श्रिंगारीभूत करने का प्रयास किया जाता है। इससे रक्त आसानी से पहुंच नहीं पा सकता और बवासीर श्रिंगारीभूत हो जाती है।
  2. लेजर या इंफ्रारेड कॉगलेट की सर्जरी (Laser or Infrared Coagulation): इस तकनीक में, उच्च तापमान के लेजर या इंफ्रारेड को बवासीर के क्षेत्र में लागू किया जाता है ताकि वह सूज जाए और श्रिंगारीभूत हो जाए।
  3. रबर बैंड लिगेशन (Rubber Band Ligation): इस तकनीक में, एक छोटी सी रबर बैंड को बवासीर के आसपास बांध दिया जाता है, जिससे बवासीर श्रिंगारीभूत हो जाती है।
  4. हेमरॉइड एक्टोमी (Hemorrhoidectomy): इस तकनीक में, बड़ी या गंभीर बवासीर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
  5. स्टेपल एक्टोमी (Stapled Hemorrhoidectomy): इस तकनीक में, बवासीर को बांध दिया जाता है ताकि रक्तसंचार बरकरार रहे और बवासीर हटाई जा सके।

ये सभी सर्जिकल प्रक्रियाएं अच्छी तकनीक और उच्च दक्षता वाले चिकित्सक के साथ की जाएं ताकि सुरक्षित और प्रभाावी तरीके से इस समस्या का समाधान किया जा सके। सर्जरी का निर्णय आपके लक्षणों, स्थिति और चिकित्सक की सलाह पर निर्भर करेगा।

पीरियड लाने का उपाय

FAQ:

  1. क्या बवासीर हमेशा के लिए ठीक हो सकती है?
    • नहीं, सही इलाज और जीवनशैली में परिवर्तन के साथ बवासीर को ठीक किया जा सकता है।
  2. क्या योग और व्यायाम से बवासीर का इलाज हो सकता है?
    • हां, योग और व्यायाम बवासीर के इलाज में मदद करते हैं।
  3. कौन-कौन से आयुर्वेदिक इलाज हैं बवासीर के लिए?
    • त्रिफला, अमला, और घृत जैसी चीजें आयुर्वेदिक इलाज के रूप में कारगर होती हैं।
  4. क्या बवासीर के लिए सर्जरी जरुरी है?
    • सर्जरी को आखिरी इलाज के रूप में ही माना जाना चाहिए, यदि अन्य उपाय काम नहीं कर रहे हैं।

गैस के कारण पीठ में दर्द Ka ilaj

गर्दन की नस दबने के लक्षण

जॉन्डिस क्यों होता है

कॉपर टी लगवाने के बाद कितने दिन ब्लीडिंग होती है

पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए

दिमाग में बार-बार एक ही विचार आना

पाद के कितने प्रकार होते हैं

लैट्रिन में खून आए तो क्या खाना चाहिए?

एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द Ka ilaj

read more

Leave a Comment

आधी रात खुल जाती है नींद? तो भगवान देते हैं आपको ये संकेत! रात को हल्दी वाला दूध पीने के चमत्कारी फायदे ruturaj gaikwad wife,Ruturaj Gaikwad Marriage “5 मिनट में पेट साफ कैसे करें: छुपे हुए 15 अद्भुत और अनसुने तथ्य”