दुनियाभर में युद्ध के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष और इस्राइल-गाजा के बाद अब ईरान से संभावित जंग की स्थिति ने वैश्विक तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। ऐसे में भारत को भी अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए दुश्मन देशों पाकिस्तान और चीन से सतर्क रहना पड़ रहा है। इन्हीं चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत ने अपने खुद के एयर डिफेंस सिस्टम, SAMAR 2, को तैयार किया है, जो दुश्मनों के हवाई हमलों को चुटकी में नष्ट करने में सक्षम है।
SAMAR 2: दुश्मनों के हवाई हमलों का जवाब
SAMAR 2 का पूरा नाम Surface-to-Air Missile for Assured Retaliation है, जिसे भारतीय वायुसेना जल्द ही टेस्ट करने की तैयारी में है। इसकी मारक क्षमता 30 किलोमीटर तक है, जिससे यह दुश्मन के फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर्स, और UAVs जैसे हवाई हथियारों को तबाह करने में सक्षम है। SAMAR 1 की सफलता के बाद इसे और अधिक उन्नत किया गया है।
SAMAR डिफेंस सिस्टम की खासियत
SAMAR 2 में रूसी मूल की R-27 मिसाइल का उपयोग किया जाएगा, जो आमतौर पर हवा से हवा में मार करने के लिए बनाई गई है। लेकिन SAMAR 2 इसे सतह से हवा में दागने के लिए इस्तेमाल करेगा, जो अपनी शेल्फ लाइफ से बाहर हो चुकी एयर-टू-एयर मिसाइलों को नए जीवन में तब्दील करता है। इससे न केवल सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि उन मिसाइलों का भी उपयोग किया जा सकेगा जो अन्यथा निष्क्रिय हो जातीं।
किन खतरों से निपटने में सक्षम है SAMAR 2?
SAMAR 2 एयर डिफेंस सिस्टम को खास तौर पर दुश्मनों के फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर्स, और UAVs जैसी हवाई हमलों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय वायुसेना के 7 बेस रिपेयर डिपो (BRD), तुगलकाबाद ने इस सिस्टम को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने R-27 मिसाइलों में जरूरी बदलाव किए हैं, ताकि वे सतह से हवा में सफलतापूर्वक दागी जा सकें।
फीचर्स | विवरण |
---|---|
मारक क्षमता | 30 किलोमीटर |
मिसाइल प्रकार | R-27 (रूसी मूल की एयर-टू-एयर मिसाइल) |
विकास में भूमिका | भारतीय वायुसेना के 7 बेस रिपेयर डिपो (BRD), तुगलकाबाद |
मुख्य लक्ष्य | फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर्स, UAVs |
SAMAR 2 की टेस्टिंग का इंतजार
इंडियन एयरफोर्स के अधिकारियों के अनुसार, SAMAR 2 का पहला फायरिंग ट्रायल दिसंबर तक किया जाएगा। इसके साथ ही, यह उम्मीद की जा रही है कि यह सिस्टम देश की हवाई सुरक्षा को नए आयाम पर ले जाएगा और दुश्मनों के हवाई हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह से सक्षम होगा। SAMAR 2 का यह कदम भारत को वैश्विक रक्षा मानचित्र पर और भी मजबूत बनाएगा।
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