देश के प्रतिष्ठित बिजनेसमैन और समाजसेवी Ratan Tata अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके योगदान की छाप हमेशा के लिए अमिट रहेगी। उन्होंने सिर्फ उद्योगों में क्रांति नहीं लाई, बल्कि देश के हर आम आदमी के दिल में जगह बनाई। आइए जानते हैं, कैसे उनके कुछ बड़े फैसलों ने न सिर्फ इंडस्ट्री बल्कि हमारे जीवन को भी बदल कर रख दिया।
1 लाख रुपये में कार! रतन टाटा का सपना जिसने दुनिया को चौंकाया
कौन सोच सकता था कि एक कार सिर्फ 1 लाख रुपये में मिल सकती है? लेकिन रतन टाटा ने इस असंभव को संभव कर दिखाया। 2009 में लॉन्च हुई Tata Nano ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भूचाल ला दिया। हर मिडिल क्लास फैमिली का सपना था कि उनके पास खुद की कार हो, और रतन टाटा ने इसे सच कर दिखाया। हालांकि नैनो ने उतनी पॉपुलैरिटी हासिल नहीं की जितनी उम्मीद थी, लेकिन ये टाटा के विजन की ताकत को दर्शाता है।
“रतन टाटा की लव लाइफ – शादी क्यों नहीं हो सकी?”
Nexon EV: भारत में इलेक्ट्रिक क्रांति के जनक बने रतन टाटा
जब दुनिया अभी भी इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर संशय में थी, Ratan Tata ने 2020 में Tata Nexon EV लॉन्च कर भारत को इलेक्ट्रिक सेगमेंट में आगे बढ़ाया। यह कार न केवल किफायती थी बल्कि सुरक्षित भी थी, और इसने अन्य कंपनियों को भी भारत में सस्ती इलेक्ट्रिक कार बनाने की दिशा में प्रेरित किया। आज, Tata Nexon EV भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार है।
जब Ratan Tata ने फोर्ड को दिखाया आईना: जगुआर और लैंड रोवर का ऐतिहासिक अधिग्रहण
कभी एक समय था जब Ratan Tata को उनके कार बिजनेस को लेकर ताने सुनने पड़े थे। लेकिन वही रतन टाटा, जिन्होंने पैसेंजर कार यूनिट को बेचने का विचार तक छोड़ दिया था, ने 2008 में जगुआर और लैंड रोवर को खरीद कर दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय कंपनियां भी लग्जरी कार मार्केट में बड़ा खेल कर सकती हैं। यह अधिग्रहण 2.3 बिलियन डॉलर में हुआ था और यह टाटा मोटर्स के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ।
नमक से लेकर सेमीकंडक्टर तक: टाटा ग्रुप का हर क्षेत्र में दबदबा
टाटा ग्रुप का योगदान सिर्फ नमक या चाय तक सीमित नहीं है। टाटा ग्रुप ने हाल ही में सेमीकंडक्टर के निर्माण में भी कदम रखा है, जो कि भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। चाहे TCS हो या टाटा मोटर्स, टाटा वनएमजी से लेकर जगुआर लैंड रोवर, टाटा ग्रुप हर सेक्टर में अपनी छाप छोड़ता रहा है।
Ratan Tata ने सिर्फ कारोबार किया नहीं, बल्कि देश की सोच को भी एक नई दिशा दी। उनका यह योगदान सदियों तक याद रखा जाएगा।