उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों की नई नीति जारी कर दी गई है। इस नीति के तहत अब शिक्षकों के तबादलों में अधिक पारदर्शिता और स्पष्ट दिशा-निर्देश होंगे।
म्युचुअल तबादले की प्रक्रिया
नई नीति के अनुसार, शिक्षकों के म्युचुअल तबादले स्कूल से स्कूल किए जाएंगे। एक बार तबादला होने के बाद शिक्षक तबादले का आवेदन वापस नहीं ले पाएंगे। प्रक्रिया को संचालित करने के लिए जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (DIET) प्राचार्य की अध्यक्षता में एक विशेष कमेटी बनाई जाएगी, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगी।
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तबादलों का समय और प्रक्रिया
तबादले गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों के दौरान किए जाएंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य होगा। शिक्षकों का ब्योरा पहले मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिसके बाद आवेदन की तिथि घोषित होगी। आवेदन करने के 15 दिन के भीतर उसका प्रिंट आउट संबंधित बीएसए कार्यालय में जमा करना होगा।
आपत्तियों के लिए समय सीमा
प्रक्रिया के दौरान शिक्षकों को अपनी आपत्तियां दर्ज कराने का मौका मिलेगा। सत्यापन के बाद, जिला स्तरीय समिति इन आपत्तियों की समीक्षा करेगी। आदेश जारी होने तक पूरी प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
ग्रामीण और शहरी संवर्ग का अलग-अलग प्रावधान
नई नीति के तहत, ग्रामीण संवर्ग का तबादला केवल ग्रामीण क्षेत्र में और शहरी संवर्ग का तबादला शहरी क्षेत्र में ही होगा। कक्षा एक से पांच तक विषय की कोई बाध्यता नहीं होगी, लेकिन कक्षा छह से आठ तक केवल संबंधित विषय के शिक्षक ही आपस में जोड़ी बना सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों की नई नीति-छुट्टियों में जारी होंगे आदेश
तबादला आदेश केवल गर्मियों या सर्दियों की छुट्टियों में जारी किए जाएंगे। इससे शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारियों को व्यवस्थित करने में सहूलियत मिलेगी।
नई नीति से शिक्षकों को राहत
यह नई तबादला नीति शिक्षकों के लिए बेहतर कार्यसंभावनाएं और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। शिक्षकों को अपनी पसंद के स्थान पर जाने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता और उत्साह में बढ़ोतरी होगी। क्या यह नीति शिक्षकों की जरूरतों को पूरा कर पाएगी?