साल 2023 में ग्रीनलैंड के एक सुदूर इलाके में हुए भूस्खलन ने ग्रीनलैंड में पैदा की महासुनामी जिस्ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। इस घटना से पैदा हुई मेगासुनामी ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। डिक्सन फजॉर्ड नामक इलाके में हुई इस सुनामी की तरंगें एक हफ्ते से ज्यादा समय तक दुनिया के कई हिस्सों में महसूस की गईं।
वैज्ञानिकों ने जीएफजेड जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंस के जरिए इस घटना का विश्लेषण किया और पाया कि इस भूस्खलन के दौरान ग्लेशियर की बर्फ और चट्टानें एक साथ खिसकीं, जिससे एक विशालकाय सुनामी का जन्म हुआ। यह सुनामी इतनी ताकतवर थी कि उसका प्रभाव डिक्सन फजॉर्ड से 5,000 किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया।
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भूस्खलन और मेगासुनामी के प्रमुख तथ्य:
फैक्ट | डिटेल्स |
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भूस्खलन का स्थान | पूर्वी ग्रीनलैंड |
तरंगों की ऊंचाई (एंट्री पॉइंट) | 200 मीटर से अधिक |
डिक्सन फजॉर्ड में तरंगों की ऊंचाई | 60 मीटर |
लहरों की अवधि | 1 हफ्ते से अधिक |
दूरी तक पहुंच | 5,000 किलोमीटर तक |
इस मेगासुनामी की खबर सबसे पहले सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंची। सोशल मीडिया पर लोगों ने तरंगों की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए, जिससे यह घटना वैज्ञानिकों तक भी पहुंची। इसके बाद वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट इमेजरी और सिस्मिक डेटा का इस्तेमाल करते हुए इस भूस्खलन का गहराई से अध्ययन किया।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि ग्रीनलैंड जैसे सुदूर इलाके में होने वाली घटनाएं भी वैश्विक प्रभाव डाल सकती हैं। यह मेगासुनामी भले ही किसी आबादी वाले इलाके को नुकसान नहीं पहुंचा पाई, लेकिन इसकी ताकत और पहुंच ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है।