फास्टैग का उपयोग पिछले कुछ वर्षों में टोल चार्ज की वसूली के लिए तेजी से बढ़ा है। लेकिन, अब 1 अगस्त से नए नियम लागू किए गए हैं, जिनका पालन करना सभी यूजर्स के लिए जरूरी है। नए नियमों का उद्देश्य टोल प्लाजा पर भीड़ कम करना और इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट्स में लगने वाले समय को कम करना है। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अगर आपने अपने फास्टैग अकाउंट की KYC प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो आपका फास्टैग ब्लैकलिस्ट हो सकता है।
नए KYC नियमों के मुख्य बिंदु:
- KYC प्रक्रिया अनिवार्य:
- जिन फास्टैग अकाउंट्स की सक्रियता पांच वर्ष या उससे अधिक है, उन्हें 1 अगस्त से पहले अपडेट करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो ये अकाउंट्स अमान्य हो जाएंगे।
- तीन वर्ष या उससे अधिक पुराने फास्टैग अकाउंट्स के लिए भी दोबारा KYC करना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी करनी होगी।
- अकाउंट्स का ब्लैकलिस्ट होना:
- अगर यूजर्स नए KYC नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके फास्टैग अकाउंट्स को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा, जिससे टोल प्लाजा पर दोगुना टोल टैक्स देना पड़ सकता है।
- वाहन और फोन नंबर की लिंकिंग:
- अब फास्टैग अकाउंट को वाहन और मालिक के फोन नंबर से जोड़ना अनिवार्य है। इसके लिए वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर की जानकारी भी देनी होगी।
- वाहन के फ्रंट और साइड की फोटो भी जमा करनी होगी।
- नए वाहन के लिए अनिवार्य रजिस्ट्रेशन:
- 1 अगस्त के बाद नया वाहन खरीदने वालों को तीन महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन नंबर को फास्टैग अकाउंट में अपडेट करना होगा।
- एक वाहन, एक फास्टैग:
- एक वाहन के लिए केवल एक ही फास्टैग अकाउंट होना अनिवार्य किया गया है, जिससे एक ही फास्टैग का उपयोग कई वाहनों के लिए नहीं हो सके।
फास्टैग के ये नए नियम ना केवल टोल चार्ज की वसूली में पारदर्शिता लाएंगे, बल्कि वाहन चालकों के लिए भी यह प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक बनाएंगे। इसलिए, अपने फास्टैग अकाउंट को समय पर अपडेट करें और नए नियमों का पालन करें, ताकि आपको किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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