7वां केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) और रक्षा बल

7वां केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) भारत सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों और रक्षा बलों के वेतन, भत्ते और पेंशन को पुनः निर्धारित करने के उद्देश्य से गठित एक महत्वपूर्ण समिति है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को समयानुसार सुधारना और उन्हें आर्थिक स्थिरता प्रदान करना है।

7वां केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) और रक्षा बल

7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से प्रभावी हुआ। इसने सरकारी कर्मचारियों, अर्धसैनिक बलों और रक्षा बलों के वेतन ढांचे में बड़े पैमाने पर बदलाव किए। यह आयोग न केवल कर्मचारियों के वेतन में सुधार करता है, बल्कि भत्तों और सुविधाओं को भी आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार पुनः निर्धारित करता है।

रक्षा बलों के लिए विशेष ध्यान

रक्षा बलों के मामले में, 7वां वेतन आयोग ने निम्नलिखित सुधार प्रस्तावित किए:

  1. मिलिट्री सर्विस पे (MSP): यह भत्ता विशेष रूप से सेना, नौसेना और वायुसेना के कर्मियों के लिए प्रदान किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाया गया।
  2. पेंशन में सुधार: रक्षा बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (OROP) नीति को लागू किया गया, जिससे उनकी पेंशन संरचना में समानता आई।
  3. भत्तों में बदलाव: जोखिम भत्ते (Risk Allowance), उच्च ऊंचाई भत्ते (High Altitude Allowance) और अन्य क्षेत्रीय भत्तों में वृद्धि की गई।

सकारात्मक प्रभाव

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से न केवल सरकारी कर्मचारियों और रक्षा बलों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि उन्हें बेहतर आर्थिक सुरक्षा भी मिली है। इससे रक्षा बलों में कार्यरत जवानों और अधिकारियों का मनोबल बढ़ा है।

चुनौतियाँ और आलोचना

हालांकि 7वें वेतन आयोग ने सुधार किए, लेकिन कुछ मुद्दों पर आलोचना भी हुई:

  • कुछ अधिकारियों और जवानों ने भत्तों में असमानता की शिकायत की।
  • पेंशन और भत्तों के संदर्भ में कुछ वर्गों को अपेक्षाकृत कम लाभ प्राप्त हुआ।

7वां केंद्रीय वेतन आयोग और वेतन संरचना

7वें केंद्रीय वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों और रक्षा बलों के वेतन ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव किए। इसका मुख्य उद्देश्य महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार वेतन को पुनः निर्धारित करना था। इस आयोग ने कर्मचारियों के प्री-रिवाइज़्ड पे को संशोधित करते हुए नई पे मैट्रिक्स प्रणाली को लागू किया।

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वेतन का निर्धारण: पे मैट्रिक्स

7वें वेतन आयोग में ग्रेड पे की जगह पे मैट्रिक्स प्रणाली लागू की गई। इसमें निम्नलिखित प्रमुख तत्व शामिल हैं:

  1. बेसिक पे (Basic Pay):
    यह वेतन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। बेसिक पे को पे मैट्रिक्स टेबल के अनुसार निर्धारित किया गया। इसमें आपकी पुरानी वेतन संरचना के अनुसार एक फॉर्मूला लागू किया गया:

    नया बेसिक पे = (पुराना बेसिक पे + ग्रेड पे) × 2.57

  2. महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA):
    महंगाई भत्ता समय-समय पर बढ़ती महंगाई के आधार पर निर्धारित होता है। 7वें वेतन आयोग में इसे हर छमाही समीक्षा करके बढ़ाया जाता है।
  3. हाउस रेंट अलाउंस (HRA):
    यह आपके कार्यस्थल के स्थान पर निर्भर करता है। मेट्रो शहरों में HRA का प्रतिशत अधिक (24%) है, जबकि छोटे शहरों में यह कम (8% से 16%) है।
  4. भत्ते (Allowances):
    • ट्रांसपोर्ट अलाउंस (Travel Allowance)
    • जोखिम भत्ता (Risk Allowance)
    • विशेष क्षेत्र भत्ता (Special Duty Allowance)

रक्षा बलों के वेतन में वृद्धि

रक्षा बलों के जवानों और अधिकारियों के लिए भी वेतन में सुधार किया गया:

  • मिलिट्री सर्विस पे (MSP):
    इसमें कमीशन प्राप्त अधिकारियों और अन्य रैंकों के लिए अलग-अलग राशि तय की गई।

    • अधिकारियों के लिए: ₹15,500 प्रति माह।
    • जवानों के लिए: ₹5,200 प्रति माह।
  • क्षेत्रीय भत्ते:
    उच्च ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए भत्ते में वृद्धि की गई।

वेतन संरचना का उदाहरण

उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का पुराना बेसिक पे ₹20,000 था और ग्रेड पे ₹5,400 था, तो नया बेसिक पे इस प्रकार होगा:

(₹20,000 + ₹5,400) × 2.57 = ₹65,078

इस पर DA, HRA और अन्य भत्ते जोड़कर कुल वेतन तय किया जाता है।

निष्कर्ष

7वां केंद्रीय वेतन आयोग सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रयास था, जिससे सरकारी कर्मचारियों और रक्षा बलों की आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार हुआ। हालांकि, भविष्य में वेतन आयोग की सिफारिशों को अधिक समग्र और संतुलित बनाने की आवश्यकता है, ताकि सभी वर्गों को समान रूप से लाभ मिल सके।

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