अगर आप भी कैशबैक के चक्कर में मोबाइल वॉलेट्स से रिचार्ज या शॉपिंग करते हैं, तो सावधान हो जाइए! Talkcharge नामक कंपनी ने कैशबैक के जरिए लाखों लोगों को लुभाया और फिर 5000 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली। ये मामला आपकी आँखें खोल देने वाला है।
कैसे शुरू हुआ ये धोखाधड़ी का खेल?
गुरुग्राम की Talkcharge कंपनी ने शुरुआत में कैशबैक के नाम पर यूजर्स को बड़ा रिटर्न देना शुरू किया। इसके बाद यूजर्स इस ऑफर के जाल में फंसते चले गए। कंपनी ने पहले 4999 रुपये जमा करने पर 1666 रुपये का कैशबैक देना शुरू किया। ये ऑफर सुनने में तो लुभावना था, लेकिन असली खेल तब शुरू हुआ जब यूजर्स ने बड़ी रकम इन्वेस्ट करनी शुरू की।
कंपनी का जाल और यूजर्स का फंसा पैसा
शुरुआत में सब कुछ ठीक लग रहा था। लेकिन 2023 में कंपनी ने धीरे-धीरे 20% सर्विस चार्ज लगाना शुरू कर दिया। जब यूजर्स ने इसका विरोध किया, तो कंपनी ने और बड़ा झांसा देकर No Fees प्रोमो कोड लॉन्च किया, जिसमें 1,49,999 रुपये जमा करने पर सर्विस चार्ज से छुटकारा मिलने का लालच दिया गया।
कब फूटा घोटाले का बम?
जनवरी 2024 से Talkcharge ने धोखाधड़ी वाले ट्रांजैक्शन शुरू किए। मार्च 2024 में ऐप की कई सेवाएं बंद हो गईं, और अप्रैल 2024 में कंपनी ने ऑपरेशंस बंद कर दिए। हज़ारों लोगों का पैसा Talkcharge ऐप में फंस गया। कुछ यूजर्स का करोड़ों का बैलेंस फंस गया जो अब निकल नहीं पा रहा।
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क्या है Talkcharge घोटाले का परिणाम?
शिकायतें और एफआईआर दर्ज होने के बाद, कंपनी के फाउंडर अंकुश कटियार को गिरफ्तार कर लिया गया है। सह-संस्थापक शिवानी माहेश्वरी और अन्य कर्मचारियों की भी जांच चल रही है।
घोटाले की प्रमुख बातें | विवरण |
---|---|
कंपनी का नाम | Talkcharge |
शुरुआती कैशबैक ऑफर | 4999 रुपये पर 1666 रुपये कैशबैक |
ठगी का शिकार | 20 लाख+ यूजर्स |
कुल ठगी की रकम | 5000 करोड़ रुपये |
फाउंडर | अंकुश कटियार |
सह-संस्थापक | शिवानी माहेश्वरी |
मुख्य धोखाधड़ी की शुरुआत | जनवरी 2024 |
ऑपरेशंस बंद | अप्रैल 2024 |
सावधान रहें, कैशबैक के चक्कर में न फंसें!
Talkcharge का ये मामला हमें सिखाता है कि कैशबैक और बड़े रिटर्न्स के लालच में आकर हमें सावधान रहना चाहिए। कोई भी ऑफर जितना लुभावना लगता है, उसके पीछे एक बड़ा धोखा भी हो सकता है।