नोएडा की एक महिला को eSIM कार्ड लेने का झांसा देकर साइबर ठगों ने 27 लाख रुपये का चूना लगा दिया। साइबर क्राइम के इस नए तरीके से महिला को ठगों ने बड़ी सफाई से अपने जाल में फंसा लिया। आइए जानते हैं कैसे हुआ ये सब, ताकि आप भी सतर्क रह सकें।
कैसे हुई ठगी?
नोएडा की एक 44 वर्षीय महिला, जो एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं, को WhatsApp पर एक कॉल आया। कॉल करने वाला खुद को टेलीकॉम कंपनी का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बता रहा था। उसने महिला को eSIM एक्टिवेशन के फायदे बताकर, उसे कुछ स्टेप्स फॉलो करने के लिए कहा।
महिला ने ठग द्वारा भेजा गया वेरिफिकेशन कोड शेयर कर दिया। उसके बाद महिला का फोन नंबर डिएक्टिवेट हो गया। अगले दिन जब महिला को कोई eSIM नहीं मिला, तो उसने टेलीकॉम कंपनी से संपर्क किया। कंपनी के स्टोर से नया सिम मिलने पर उसे पता चला कि उसके बैंक अकाउंट से 27 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं!
सिम स्वैप फ्रॉड: क्या है ये खतरनाक गेम?
साइबर ठग सिम स्वैप फ्रॉड नामक एक तरकीब से आपके नंबर को डुप्लिकेट कर लेते हैं। इसके बाद वे आपके बैंक अकाउंट और निजी जानकारी को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं।
कस्टमर केयर का झांसा देकर ठग वेरिफिकेशन कोड या OTP मांगते हैं। इसे मिलते ही वे आपके सिम को डिएक्टिवेट कर देते हैं और नया सिम एक्टिवेट कर लेते हैं। फिर आपके अकाउंट से पैसे निकालने का सिलसिला शुरू हो जाता है।
इस ठगी से कैसे बचें?
बचाव के तरीके | जानकारी |
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संदिग्ध मैसेज से बचें | अगर आपको कोई अज्ञात मैसेज या कॉल आता है तो उसे इग्नोर करें। |
OTP न करें शेयर | किसी भी हाल में अपना OTP, पासवर्ड या कोई भी कोड किसी से साझा न करें। |
सतर्क रहें | अगर आपका सिम अचानक डिएक्टिवेट हो जाए, तो तुरंत टेलीकॉम कंपनी से संपर्क करें। |
Chakshu पोर्टल पर करें रिपोर्ट | किसी भी संदिग्ध मैसेज या कॉल की जानकारी सरकार के Chakshu पोर्टल पर दें। |
पुलिस में दर्ज हुआ मामला
महिला ने घटना की शिकायत नोएडा के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई है। मामले की जांच जारी है। ठगों ने जिस तरह से महिला के साथ यह धोखाधड़ी की, वह एक बड़ा सबक है कि हमें कभी भी अज्ञात कॉल्स या मैसेज पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
अब आप भी सतर्क रहें और कभी भी ऐसे कॉल्स या मैसेज का जवाब न दें, जो आपके बैंक अकाउंट या निजी जानकारी को खतरे में डाल सकते हैं!