हिमालय की बर्फ में छुपे 1700 अज्ञात वायरस, क्या आने वाले समय में इंसानों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं?

हिमालय की बर्फ में जो छुपा था, वह दुनिया के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। रिसर्चर्स ने तिब्बत के गुलिया ग्लेशियर से बर्फ के सैंपल्स लेकर 1700 से ज्यादा प्राचीन वायरस प्रजातियों का पता लगाया है। इनमें से लगभग तीन-चौथाई वायरस प्रजातियां विज्ञान के लिए पूरी तरह से नई हैं।

41 हजार साल पुराने वायरस: क्या हमारे मौसम से जुड़े हैं?

वैज्ञानिकों ने इस खोज को नेचर जियोसाइंस मैगजीन में प्रकाशित किया है। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक झिपिंग झोंग का कहना है कि इससे पहले कभी भी वायरस और जलवायु परिवर्तन के बीच संबंधों की जांच नहीं की गई थी। यह अध्ययन हमें यह समझने में मदद कर सकता है कि आने वाले समय में वायरस जलवायु परिवर्तन के साथ कैसे तालमेल बिठाएंगे।

बर्फ में जमे खतरनाक वायरस: भविष्य का बड़ा खतरा?

वैज्ञानिकों ने पाया कि कुछ वायरस 11,500 साल पहले के हैं, जब पृथ्वी ठंडे से गर्म मौसम में परिवर्तित हो रही थी। इसके अलावा, कुछ वायरस प्रजातियां दूसरी जगहों जैसे कि मध्य पूर्व या आर्कटिक से मेल खाती हैं।

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जमे हुए वायरस, क्या इंसानों को है खतरा?

दुनियाभर में साइबेरिया समेत कई जगहों पर जमे हुए वायरस पाए गए हैं, जिनमें इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता है। इस खोज के बाद वैज्ञानिक भविष्यवाणी करने में सक्षम हो सकते हैं कि आने वाले समय में वायरस और जलवायु परिवर्तन के बीच कैसे संबंध बन सकते हैं।

क्या ये खोज इंसानों के लिए खतरे की घंटी है या आने वाले समय में नए वायरसों के खिलाफ हमारी रक्षा के लिए नई रणनीति तैयार करेगी?

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