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महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण

महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण

“महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण पुरुषों की तुलना मैं अधिक पाया जाता है” और उनके इस समस्या से ग्रस्त होने की संभावना भी ज्यादा रहती है मानसिक कारकों के अलावा असंतुलित हारमोंस गर्भावस्था और आनुवंशिक इसके कारण हैं.डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में लगभग 5 करोड से भी ज्यादा लोग इस गंभीर समस्या से ग्रस्त हैं और दुनिया भर में लगभग 30 करोड़ से ज्यादा लोग इस समस्या से ग्रस्त है.

ज्यादातर डिप्रेशन किशोरावस्था या 30,40 साल की उम्र मैं शुरू हो जाता है लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है सभी लोगों ने अपनी जिंदगी के किसी ना किसी वक्त पर खुद को उदास और हताश महसूस किया होगा संघर्ष और किसी अपने से दूर हो जाने के कारण मन बहुत ही परेशान रहता है और यह बहुत ही सामान्य घटना है परंतु अगर प्रसन्नता लाचारी निराशा परेशानी जैसी भावनाएं कुछ दिनों से लेकर कुछ सालों तक बनी हुई है तो वह डिप्रेशन कहलाती है और यह मानसिक रोग का संकेत हो सकता है.

2-डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण(महिलाओं में डिप्रेशन के कारण)

महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण जो कि डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण है निम्न प्रकार से है-

महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण वीडियो देखें-

3-डिप्रेशन के लक्षण और उपाय (महिलाओं में डिप्रेशन उपाय)

 

QUESTION AND ANSWERS

1-डिप्रेशन में क्या दर्द होता है?

डिप्रेशन यानी कि अवसाद कभी-कभी दर्द का कारण भी बन सकता है अवसाद दर्द की अवस्था को और खराब कर देता है कई लोगों में शारीरिक लक्षण जैसे पीठ दर्द,सिर दर्द अवसाद से ही होता है.

2-डिप्रेशन की जांच कैसे होती है?

डिप्रेशन की जांच बायोलॉजिकल मार्कर द्वारा की जाती है इसमें पल्स ईसीजी और ब्लड का टेस्ट किया जाता है इसके अलावा डॉ आपके मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी करता है.

3-डिप्रेशन से बाहर कैसे निकाला जाए?

डिप्रेशन से निकलने के बहुत सारे उपाय हैं इसमें से एक है मेडिटेशन योगा और एक्सरसाइज इसके अलावा हमें अपनी भावनाओं पर काबू करना सीखना पड़ेगा अच्छा म्यूजिक सुने प्राकृतिक माहौल में रहे और नेगेटिविटी से बिल्कुल दूर रहे.

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